तर्ज – श्यामा आन बसों वृन्दावन में
तू सुमिरन कर राधे राधे, तेरे कष्ट सभी मिट जाएंगे, राधा के पीछे श्याम स्वयं, तेरे द्वार पे दौड़े आएँगे, तू सुमिरण कर राधे राधे, तेरे कष्ट सभी मिट जाएंगे ।।
राधा बिन सूना सांवरिया, राधा बिन सूनी बाँसुरिया, राधा बिन भक्ति रस सूना, हम राधा के गुण गाएंगे, तू सुमिरण कर राधे राधे, तेरे कष्ट सभी मिट जाएंगे ।।
ब्रजमंडल की गरिमा राधा, राधा बिन प्रेम शब्द आधा, कितना भी कृष्ण का ध्यान धरो, बिन राधा याद नहीं आएँगे, तू सुमिरण कर राधे राधे, तेरे कष्ट सभी मिट जाएंगे।।
ब्रजवास यदि तुम चाहोगे, तो राधे राधे गाओ रे, श्री राधे कृपा जो कर देंगी, तो कृष्ण तुम्हे अपनाएंगे, तू सुमिरण कर राधे राधे, तेरे कष्ट सभी मिट जाएंगे ।।
तू सुमिरन कर राधे राधे, तेरे कष्ट सभी मिट जाएंगे, राधा के पीछे श्याम स्वयं, तेरे द्वार पे दौड़े आएँगे, तू सुमिरण कर राधे राधे, तेरे कष्ट सभी मिट जाएंगे ।।