ओ सांवरे नैया लगा दे मेरी पार,
ओ साँवरे नैया लगा दे मेरी पार, तेरे भरोसे जीवन मेरा, मेरे भरोसे परिवार, ओ साँवरे नैया लगा दे मेरी पार।
ना पतवार है ना है खिवैया, कैसे चलेगी जीवन नैया, डोल रही है बीच भवर में, डूब ना जाऊं सरकार, ओ साँवरे नैया लगा दे मेरी पार।
हाथ है दो और काम हज़ारों, मेरे सर का बोझ उतारो, दीनानाथ दया के सागर, सुनलो मेरी पुकार, ओ साँवरे नैया लगा दे मेरी पार।
जब जब सितम समय ने ढाये, नैनो ने मेरे नीर बहाये, छोड़ दिया है सबने मुझको, लाके बीच मझधार, ओ साँवरे नैया लगा दे मेरी पार ।।
ठोकर पे ठोकर है खाई, थाम ‘बेधड़क’ मेरी कलाई, देखली सारी दुनियादारी, अब तेरी है दरकार, ओ साँवरे नैया लगा दे मेरी पार ।।
ओ सांवरे नैया लगा दे मेरी पार, तेरे भरोसे जीवन मेरा, मेरे भरोसे परिवार, ओ साँवरे नैया लगा दे मेरी पार ।।