तर्ज,बनी थारो चांद सारिखो मुखडो
ओ बाबा थाने काई काई भावे, बोलो काई भोग लगावा, काई थाने माखन मिश्री भावे, या केसरियो दूध बनावा ।।
खाटू का राजा थारी, करा मनुहार म्हे, भोग लगावा सांवरा, जी म्हारी सेवा स्वीकारो सांवरा, निवतो भिजायो थाने, करूँ मेहमानी, घर में पधारो सांवरो, जी म्हारी सेवा स्वीकारो सांवरा।
ओ म्हे मक्के की रोटी ल्याया, सरसों के साग के सागे, ओ बाबा म्हे कढ़ी कचौड़ी ल्याया, है दाल बाटी भी आगे, ओ बाबा थाने कांई कांई भावे, बोलो कांई भोग लगावा, कांई थाने माखन मिश्री भावे, या केसरिया दूध बनावा ।।
ओ बाबा मिश्रीकंद मिठो मिठो, म्हे चटपट बेरिया ल्याया, ओ बाबा म्हे ल्याया आलूबुखारा, कोई खाटा केरिया ल्याया, ओ बाबा थाने कांई कांई भावे, बोलो कांई भोग लगावा, कई थाने माखन मिश्री भावे, केसरिया दूध बनावा ।।
ओ बाबाजी काजू किशमिश ल्याया, खुरमानी पिस्ता छुआरा, अजी अखरोट बदाम मुनक्का, चिलगोजा भी है न्यारा, ओ बाबा थाने कांई कांई भावे, बोलो कांई भोग लगावा, कांई थाने माखन मिश्री भावे, केसरिया दूध बनावा।।
ओ बाबाजी जीम्या पाछे थोड़ी, थे सौंफ इलायची चबाओ, ओ बाबा म्हे नागर पान भी ल्याया, थे आनंद लेकर खाओ, ओ बाबाजी ‘गोलू’ टाबर थारो, वीके सिर पे हाथ फिराओ, कांई थाने माखन मिश्री भावे, केसरिया दूध बनावा ।।
ओ बाबा थाने काई काई भावे, बोलो काई भोग लगावा, काई थाने माखन मिश्री भावे, या केसरियो दूध बनावा ।।