चाहे सुबह हो या शाम, जुबा पर लेना एक ही नाम, राम राम राम, श्याम श्याम श्याम ।।
कीर्तन उसी का नाम है, जो तन से हम करे, चिन्तन उसी का नाम है, जो चित से हम करे, भजना उसी का नाम है, जो मन से हम भजे, दर्शन भी होंगे श्याम के, जो दिल से हम कहे, राम राम राम, श्याम श्याम श्याम ।।
चाहे सुबह हो या शाम, जुबा पर लेना एक ही नाम, राम राम राम, श्याम श्याम श्याम ।।
जो भी मिला था कल तलक, कृपा थी श्याम की, जो भी हुआ है आजतक,कृपा हे श्याम की,जो भी मिला था कल तलक, कृपा थी श्याम की, जो भी हुआ है आजतक, कृपा हे श्याम की, चिंता करे क्या खाक की, कृपा हे श्याम की, आगे भी सोच है यही, कृपा हे श्याम की, राम राम राम, श्याम श्याम श्याम।
चाहे सुबह हो या शाम, जुबा पर लेना एक ही नाम, राम राम राम, श्याम श्याम श्याम ।।
मन को बड़े ही प्यार से, मन्दिर बना लिया,
खाटू के बाबा श्याम को, उसमे बिठा लिया, भावों के फूल माल से, उनको सजा दिया, हमने तो अपने आप को, तीर्थ बना लिया, राम राम राम, श्याम श्याम श्याम ।।
चाहे सुबह हो या शाम, जुबा पर लेना एक ही नाम, राम राम राम, श्याम श्याम श्याम ।।
श्याम से यारी हो गई, ओर हो गया करार, छोड़ेगा ना साथ मेरा, चाहे जितनी हो टकरार, यारो का वो यार है, मेरा श्याम बड़ा दिलदार, बिष्णु पागल जग हंसे, कोन करे विश्वास, राम राम राम, श्याम श्याम श्याम ।।
चाहे सुबह हो या शाम, जुबा पर लेना एक ही नाम, राम राम राम, श्याम श्याम श्याम।