आजा बाबा आजा अब तो
और न तू तरसा, निकले आँख से आंसू जैसे, सावन है बरसा, दुनिया से मैं हार के आया, बाबा तेरे द्वारे, मैंने सुना है खाटू में तुम, हारे के हो सहारे, भरो ना झोली श्याम, पुकारूँ तुमको श्याम।
जिन जिन को मैंने अपना माना, कोई ना साथ निभाए, तू ही बता ना बाबा अब हम, किससे आस लगाए, तेरे प्रेमी बन के हम, गुणगान तेरा ही गायें, तुझसे ना मांगे तो झोली, और कहाँ फैलाएं, भरों ना झोली श्याम, पुकारूँ तुमको श्याम।
निर्धन निर्बल मैं तो बाबा, जैसा भी हूँ तेरा, देख के दुनिया ताना मारे, संकट ने है घेरा, भव से बाबा पार लगादे. नैया झोंके खाये, तुझसे ना मांगे तो झोली, और कहाँ फैलाएं, भरों ना झोली श्याम, पुकारूँ तुमको श्याम।
झूठी नहीं अदालत तेरी, झूठी दुनिया सारी, मेरा ‘भविष्य’ संवारने वाला, तू ही श्याम मुरारी, ‘जय कुमार’ पर कृपा कर दे, तुझसे आस लगाएं, तुझसे ना मांगे तो झोली, और कहाँ फैलाएं, भरों ना झोली श्याम, पुकारूँ तुमको श्याम।
आजा बाबा आजा अब तो
और न तू तरसा, निकले आँख से आंसू जैसे, सावन है बरसा, दुनिया से मैं हार के आया, बाबा तेरे द्वारे, मैंने सुना है खाटू में तुम, हारे के हो सहारे, भरो ना झोली श्याम, पुकारूँ तुमको श्याम।