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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Parvat pe aaja meri gora kyo dekhe meri gora khadi khadi, पर्वत पे आजा मेरी गौरा,क्यों देखे गौरा खड़ी खड़ी,shiv bhajan

तर्ज,मेरी छतरी के नीचे आजा

पर्वत पे आजा मेरी गौरा,
क्यों देखे गौरा खड़ी खड़ी।



मैं कैसे आऊं मेरे भोले,
मेरे ते प्यारी गंगा तन्ने,
तू तो पगली होइ मेरी गौरा,
गंगा मेरी जटा की शोभा स,
पर्वत पे आजा मेरी गौरा,
क्यों देखे गौरा खड़ी खड़ी।



मैं कैसे आऊं मेरे भोले,
मेरे ते प्यारा चाँद तन्ने,
तू तो पगली होइ मेरी गौरा,
चंदा मस्तक की शोभा स,
पर्वत पे आजा मेरी गौरा,
क्यों देखे गौरा खड़ी खड़ी।



मैं कैसे आऊं मेरे भोले,
ये सरप मेरे ते प्यारे स,
तू तो पगली होइ मेरी गौरा,
ये सरप गले की शोभा स,
पर्वत पे आजा मेरी गौरा,
क्यों देखे गौरा खड़ी खड़ी।



मैं कैसे आऊं मेरे भोले,
तू तो पगली होइ मेरी गौरा,
मेरे ते प्यारा डमरू स,
डमरू मेरे हाथ की शोभा स,
पर्वत पे आजा मेरी गौरा,
क्यों देखे गौरा खड़ी खड़ी।



मैं कैसे आऊं मेरे भोले,
मेरे ते प्यारा नंदी स,
तू तो पगली होइ मेरी गौरा,
या नंदी मेरी असवारी स,
पर्वत पे आजा मेरी गौरा,
क्यों देखे गौरा खड़ी खड़ी।



मैं कैसे आऊं मेरे भोले,
मेरे ते भगत तन्ने,
तू तो पगली होइ मेरी गौरा,
भगता ने दर्शन दोनों देवा,
आपां दोनों संकट काटा,
पहाड़ा पर बैठ के भजन करा,
मैं इब आऊं मेरे भोले,
मैं तो बहम करूँ थी खामखा,
मन्ने लगे तन्ने स प्यार घणा,
ईब लगे तन्ने स प्यार घणा।

पर्वत पे आजा मेरी गौरा,
क्यों देखे गौरा खड़ी खड़ी।

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