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राम भजन लिरिक्स

Jhula lage janak fulwari jhule siya sukumari na,झूला लगे जनक फुलवारीझूले सिया सुकुमारी ना,ram bhajan

झूला लगे जनक फुलवारी,
झूले सिया सुकुमारी ना ।

झूला लगे जनक फुलवारी,
झूले सिया सुकुमारी ना ।



काही के डोर काहि का पलना,
काही के डारी ना, सखी हो,
झूला लगे जनक फुलवारी,
झूले सिया सुकुमारी ना ।



रेशम के डोर चंदन का पलना,
अमुआ की डारी ना, सखी हो,
झूला लगे जनक फुलवारी,
झूले सिया सुकुमारी ना ।



के हो झूलत के हो झुलावत,
बारी बारी ना, सखी हो,
झूला लगे जनक फुलवारी,
झूले सिया सुकुमारी ना ।



राम जी झूलत सिया जी झुलावत,
सिया जी झूलत राम जी झुलावत,
बारी बारी ना, सखी हो,
झूला लगे जनक फुलवारी,
झूले सिया सुकुमारी ना ।

झूला लगे जनक फुलवारी,
झूले सिया सुकुमारी ना ।

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