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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Dulha budha hai gora tune kaisa pati dhundha hai,दूल्हा बूढ़ा है गौरा तूने कैसा पति ढूंढा है,shiv bhajan

दूल्हा बूढ़ा है गौरा तूने कैसा पति ढूंढा है।

दूल्हा बूढ़ा है गौरा तूने कैसा पति ढूंढा है।



काले नाग लटक रहे गले में,
कैसे फेरे लेगी याके संग में,
जटा बीच गंगा है गौरा तूने कैसा पति ढूंढा है।दूल्हा बूढ़ा है गौरा तूने कैसा पति ढूंढा है।



डग मग हाले गर्दन याकी,
बची उम्र थोड़ी सी बाकी,
चला ना जाए बुड्ढा है, गौरा तूने कैसा पति ढूंढा है।दूल्हा बूढ़ा है गौरा तूने कैसा पति ढूंढा है।



तिलक करूं याके बिच्छू लटके,
शर्म करे ना घुस जाये घर में,
देख डर लगता है, गौरा तूने कैसा पति ढूंढा है।दूल्हा बूढ़ा है गौरा तूने कैसा पति ढूंढा है।



भोले जी की महिमा न्यारी,
जाने है यह दुनिया सारी,
रुप याको नयारो है, गौरा तूने कैसा पति ढूंढा है।दूल्हा बूढ़ा है गौरा तूने कैसा पति ढूंढा है।

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