भुल्याई मारा कान्हा, यमुना किनारे मारी ओढ़नी। ओढनौ जी ओढनी जी-2 ओढनी जी कान्हा ओढनी 2 भुल्याई मारा कान्हा।
द्वारा पीर की ओढनी जी कोई आतुं बार त्योहार, -2 करे बेगा लाओ साँवरा रे-2 आओ किशन मुरार। भुल्याई मारा कान्हा, यमुना किनारे मारी ओढ़नी।
काली-काली कामली जी कोई, ओढूं घेर घुमेर “काली-काली-2 कामली कोई, ओढू घर घूमेर। केसरीया सा फुंधा लटके-2 जी के चारों मेर भूल्याई मारा कान्हा, यमुना किनारे मारी ओढ़नी।
मैं जाती की गुजरी रे कान्हा, तू जाती को अहीर। थारो मारो त मिल्यो रे, पुरा जनम को शिर। भुल्याई मारा कान्हा, यमुना किनारे मारी ओढ़नी।
है चन्द्रसखी की विनजी थे सुणजो सिरजनहार।श्याम मण्डल थारा गुण गावे, थे आओ कृष्ण मुरार। भुल्यादे मारा कान्हा, यमुना किनारे मारी ओढ़नी।