तर्ज – हाल क्या है दिलों का ना
इतनी अर्जी है तुमसे मेरे भोलेनाथ, थाम कर हाथ अब ना छुड़ा लेना तुम, जैसे अभी तक बनाई है तुमने प्रभु, वैसे ही और आगे बना देना तुम, इतनी अर्जी हैं तुमसे मेरे भोलेनाथ, थाम कर हाथ अब ना छुड़ा लेना तुम।
महादानी वरदानी हो भोले बड़े, भक्तों की दुख की घड़ीयों में तुम हो खड़े, नाम लेते ही कारज बना जाते हो, मेरा वंदन स्वीकारो मेरे भोले नाथ, इतनी अर्जी हैं तुमसे मेरे भोलेनाथ, थाम कर हाथ अब ना छुड़ा लेना तुम।
सारे जग ने ठुकराया मेरे भोलेनाथ, तूने दिया सहारा पकड़ा मेरा हाथ, सर पर रखना हाथ अपना सदा भोलेनाथ.
छूटे ना कभी तेरा दर भोलेनाथ,छूटे ना कभी तेरा दर भोलेनाथ, इतनी अर्जी हैं तुमसे मेरे भोलेनाथ, थाम कर हाथ अब ना छुड़ा लेना तुम।
ऐसी कृपा तुम करना मेरे भोले नाथ, नाम जुबां पर रहे तेरा दिन हो या रात, भक्ति करता रहूं हरदम तेरी ही बात, तुमसे मांगू छूटे ना कभी अपना साथ, इतनी अर्जी हैं तुमसे मेरे भोलेनाथ, थाम कर हाथ अब ना छुड़ा लेना तुम।
इतनी अर्जी है तुमसे मेरे भोलेनाथ, थाम कर हाथ अब ना छुड़ा लेना तुम, जैसे अभी तक बनाई है तुमने प्रभु, वैसे ही और आगे बना देना तुम, इतनी अर्जी हैं तुमसे मेरे भोलेनाथ, थाम कर हाथ अब ना छुड़ा लेना तुम।