तर्ज,आ लोट के आजा मेरे मीत
बन्धंन काटे हर बार, जनम जब भी लिया मैंनें
मेरी करूंणा मई सरकार, हर बार सुनीं पुकार
जनम जब भी लिया मैंनें,
बन्धंन काटे हर बार…
विपदा पड़ी जब है मुझपे भारी,
हर पल संभाला उसी नें,
करी देर नहीं इक बार,
जनम जब भी लिया मैंनें,
बन्धंन काटे हर बार…
दुख में संभाला सुख में दुलारा,
ऐसा कोई नहीं है दयालु
बाबा रसका हुआ निहाल,जनंम
जनम जब भी लिया मैंनें,
बन्धंन काटे हर बार…
अपना बनाया हमको पागल,
जन्मों जन्मों तक रहेगा,
मोह माया से छुटा हरबार
जनम जब भी लिया मैंनें,
बन्धंन काटे हर बार…
बन्धंन काटे हर बार, जनम जब भी लिया मैंनें
मेरी करूंणा मई सरकार, हर बार सुनीं पुकार
जनम जब भी लिया मैंनें,
बन्धंन काटे हर बार…