श्याम नजरिया मेरे दिल को, घायल कर गई रे, बन गई जोगन मुझको ऐसी, पागल कर गई रे।
जबसे मैंने श्याम सलोने, तेरा किया नज़ारा, खो गई तेरे इन नैनो में, भूल गई जग सारा, तेरी सुरतिया दिल में ऐसी, हलचल कर गई रे, श्याम नजरिया मेरे दील को, घायल कर गई रे।
जादुगरिया कर ना मुझसे, मैं हूँ तेरी दीवानी, तू ही मेरा प्रेम ग्रन्थ है, तू ही मेरी कहानी, नैन कटारी मुझको खुद की, कातिल कर गई रे,
नैन कटारी मुझको खुद की, कातिल कर गई रे,श्याम नजरिया मेरे दील को, घायल कर गई रे।
पीर विरह की तू क्या जाने, तू तो है निर्मोही, प्रीत करे जो निश्छल मन से, पीर को जाने वो ही, आँखे मेरी सावन दिल को, बादल कर गई रे, श्याम नजरिया मेरे दील को, घायल कर गई रे।
श्याम नजरिया मेरे दिल को, घायल कर गई रे, बन गई जोगन मुझको ऐसी, पागल कर गई रे।