म्हारा सालासर का बाला, ओ जी अंजनी माँ का लाला, मने घणो ही प्यारो, लागे थारो धाम जी, थारी मूरतिया मन भाई, आंख्या तरसे दर्शन ताई, मैं तो रटता आवा, बाबा थारो नाम जी ।
चमचम चमचम चंदा जेहड़ो, थारो मुखड़ो चमके, जगमग जगमग ज्योत जले, सारो मंदिर यो दमके, माला गले में महके जी, पगा में घुंघरू सोहे है जी, छमछम बाजण वाला, म्हारां सालासर का बाला, ओ जी अंजनी माँ का लाला, मने घणो ही प्यारो, लागे थारो धाम जी।
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर, जय विक्रम बजरंगी, जय कपीस तिहुँ लोक उजागर, जय हनुमान अढ़ंगी, सालासर का राजा जी, रटता आवा म्हे बालाजी, थारा नाम की माला, म्हारां सालासर का बाला, ओ जी अंजनी माँ का लाला, मने घणो ही प्यारो, लागे थारो धाम जी ।
केसरिया बागा में बाबा, लागो हो थे प्यारा, थारी किरपा रा मंदिर में, देख्या खूब नजारा, ‘बागड़ा’ था सु अरज करे, हो ना जाइजो म्हासु बेखबर, बालाजी मतवाला, म्हारां सालासर का बाला, ओ जी अंजनी माँ का लाला, मने घणो ही प्यारो, लागे थारो धाम जी ।
म्हारा सालासर का बाला, ओ जी अंजनी माँ का लाला, मने घणो ही प्यारो, लागे थारो धाम जी, थारी मूरतिया मन भाई, आंख्या तरसे दर्शन ताई, मैं तो रटता आवा, बाबा थारो नाम जी ।