तर्ज – कसमे वादे प्यार
थे तो चोलो पहरो म्हारा बालाजी, मैं थारो चोलो ल्याया जी, यो चोलो थारो ऐसो बण्यो है, भगता के मन भायो जी, थे तो चोलों पहरो म्हारा बालाजी, मैं थारो चोलो ल्याया जी ।।
जयपुर से म्हें पोत मंगायो, बाबा थारे चोला को, राम नाम का सुमिरण बाबा, चोला पर लिखवायो जी, सिन्दूरी रंग में रंगवायो, चोलो त्यार करायो जी, थे तो चोलों पहरो म्हारा बालाजी, मैं थारो चोलो ल्याया जी ।।
चैत सुदी पूनम को जन्मया, वेदो ने कीर्ती गाई जी, माँ अंजनी के द्वार पे देखो, बटते है आज बधाई जी, केसरीनन्दन पवन पिता थारो, माता अंजनी माई जी,
थे तो चोलों पहरो म्हारा बालाजी, मैं थारो चोलो ल्याया जी ।।
चैत सुदी पूनम को मेलो, आव दुनिया सारी जी, जात जडूला और गठजोड़ा, थारे निशान चढ़ावा जी, सवामणी थारे भोग लगावा, थाने आज जिमावा जी, थे तो चोलों पहरो म्हारा बालाजी, मैं थारो चोलो ल्याया जी ।।
बालजती ब्रह्मचारी थे हो, राम नाम मतवाला जी, कलयुग का हो देव निराला, दुखियो का हितकारी जी, सालासर थारो भवन निरालो, शोभा जिसकी न्यारी जी, थे तो चोलों पहरो म्हारा बालाजी, मैं थारो चोलो ल्याया जी ।।
प्रेम भाव से बाबा थारो, चोलो आज बनायो जी, भगता की टोली के सागे, थाने आज पहरायो जी, ई चोला की महिमा थाने, शर्मा गाय सुनाई जी, थे तो चोलों पहरो म्हारा बालाजी, मैं थारो चोलो ल्याया जी ।।
थे तो चोलो पहरो म्हारा बालाजी, मैं थारो चोलो ल्याया जी, यो चोलो थारो ऐसो बण्यो है, भगता के मन भायो जी, थे तो चोलों पहरो म्हारा बालाजी, मैं थारो चोलो ल्याया जी ।।