तर्ज- थोड़ा सा प्यार हुआ है
शिव ने श्रृंगार किया है, गौरा क्या बाकी, गौरा हंस करके बोली, सजन थोड़ा है बाकी, शिव ने सिंगार किया है, गौरा क्या बाकी ।।
सिर पर है मांग की मेहन्दी, कान में पहने बाली, लगा है आंखों में कजरा, होंठ पर लगी है लाली, नाक में पहने नथनी, कहो अब क्या है बाकी, पिया बिंदी है बाकी, शिव ने सिंगार किया है, गौरा क्या बाकी ।।
साड़ी बनारस वाली, कानपुर की है करधनी, माला मद्रास का पहना, शोभा क्या इसकी कहनी, पांव में पहने पायल, कहो अब क्या है बाकी, सजन बिछुआ है बाकी, शिव ने सिंगार किया है, गौरा क्या बाकी ।।
चोली चटक रंग वाली, कमर में पेंदी पहनी, साड़ी का सीधा पल्ला, शोभा क्या इसकी कहनी, हाथ बाजूबंद पहने, कहो अब क्या है बाकी, सजन चूड़ी है बाकी, शिव ने सिंगार किया है, गौरा क्या बाकी ।।
पूरा श्रृंगार किया है, गोकुल प्रस्थान किया है, भोले जी बने बहुरिया, ऐसा श्रृंगार किया है, चल रहे धीरे धीरे, कहो अब क्या है बाकी, सजन घूंघट है बाकी, शिव ने सिंगार किया है, गौरा क्या बाकी ।।
शिव ने श्रृंगार किया है, गौरा क्या बाकी, गौरा हंस करके बोली, सजन थोड़ा है बाकी, शिव ने सिंगार किया है, गौरा क्या बाकी ।।