जो भी मांगो मिलेगा तुमको, ऐसा ये दरबार है, मेरा खाटू वाला श्याम, बड़ा ही दिलदार है।।
सुनी है सबकी श्याम धणी ने, जो भी आया दर पर, मेरे श्याम ने अपनी कृपा, बरसाई उसके ऊपर, खुशियां देकर लौटाता है, ऐसा ये दातार है, मेरा खाटु वाला श्याम, बड़ा ही दिलदार है ।।
हारे का कहलाता सहारा, यार है ग़म के मारों का, दीन दयालु प्रतिपालक ये, मजबूरों लाचारों का, शीश का दानी वरदानी ये, कलयुग का अवतार है, मेरा खाट वाला श्याम.
किसी ने देते नहीं है देखा, देखा भरते भंडारा, इसीलिए मशहूर जगत में, ‘कुंदन’ श्याम का है द्वारा, हारे का मेरा श्याम सहारा, लीले का असवार है, मेरा खाटु वाला श्याम, बड़ा ही दिलदार है ।।
जो भी मांगो मिलेगा तुमको, ऐसा ये दरबार है, मेरा खाटू वाला श्याम, बड़ा ही दिलदार है।।