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राम भजन लिरिक्स

Sita ke ram rakhwale the jab haran huwa tab koi nahi,सीता के राम रखवाले थे,जब हरण हुआ तब कोई नहीं,ram bhajan

सीता के राम रखवाले थे,
जब हरण हुआ तब कोई नहीं,

सीता के राम रखवाले थे,
जब हरण हुआ तब कोई नहीं,
जब हरण हुआ तब कोई नहीं,
जब सिया चुरी तब कोई नहीं,
सीता के राम….



द्रोपति के पांचो पांडव थे,
हुआ चीरहरण तब कोई नहीं,
दशरथ के चार दुलारे थे,
जब प्राण तजे तब कोई नहीं,
सीता के राम….



रावण भी बड़े बलशाली थे,
जब लंका जली तब कोई नहीं,
श्री कृष्ण सुदर्शन धारी थे,
जब तीर चुभा तब कोई नहीं,
सीता के राम…..



लक्ष्मण भी भारी योद्धा थे,
जब शक्ति लगी तब कोई नहीं,
सरसैया पड़े पितामह थे,
पीड़ा का साथी कोई नहीं,
सीता के राम…..



अभिमन्यु राज दुलारे थे,
फसे चक्रव्यू में तब कोई नहीं,
सच है यह सुनो दुनिया वालो,
संसार में अपना कोई नहीं,
सीता के राम….

सीता के राम रखवाले थे,
जब हरण हुआ तब कोई नहीं,
जब हरण हुआ तब कोई नहीं,
जब सिया चुरी तब कोई नहीं,
सीता के राम….

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