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राम भजन लिरिक्स

Raghuwar ne uthakar dhanush ko diya Tod,रघुवर ने उठाकर धनुष को दिया तोड़,ram bhajan

रघुवर ने उठाकर धनुष को दिया तोड़,

रघुवर ने उठाकर धनुष को दिया तोड़,
जय-जय की झंकार मची है चारों ओर….



धनुष को टूटा सुनके सिया मुस्कुराई,
आके गले में जयमाला पहनाई,
जय माला पहनाकर लोगों ने किया शोर,
जय-जय की झंकार मची है चारों ओर…..



धनुष को टूटा सुनकर परशुराम आए,
आके सभा में कड़े वचन सुनाएं,
वचनों को सुनकर के हुई है तोड़फोड़,
जय-जय की झंकार मची है चारों ओर….



राजतिलक सुन कर मात घबराए,
आकर राजा को अपने वचन सुनाएं,
वचनों को सुनकर के हुए हैं बेहोश,
जय-जय की झंकार मची है चारों ओर….



भरत ने पूछा माता राम कहां हैं,
राम कहां है माता लखन कहां हैं,
माता ने बतलाया गए है वन की ओर,
जय-जय की झंकार मची है चारों ओर….

रघुवर ने उठाकर धनुष को दिया तोड़,
जय-जय की झंकार मची है चारों ओर….

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