तर्ज – एक प्यार का नगमा
एक श्याम तू मेरा है, मुझे तेरा सहारा है, तेरे बिना कोई नहीं, हारे का सहारा है।।
तेरे दर पे आना है, मुझे शीश झुकाना है, पाना और कुछ भी नहीं, श्याम तुझको पाना है, मेरे इस जीवन को, बस तेरा सहारा है, तेरे बिना कोई नहीं, हारे का सहारा है।।
दुःख दर्द तो आना है, आकर चले जाना है, साथी है ये जीवन के, हमें सब सह जाना है, मुश्किल भरे जीवन को, बस तेरा सहारा है, तेरे बिना कोई नहीं, हारे का सहारा है।।
अब सौंप दिया मैंने, अपने इस जीवन को, एक तेरे सिवा कोई, भाता नहीं इस मन को, भक्ति भरे जीवन को, बस तेरा सहारा है, तेरे बिना कोई नहीं, हारे का सहारा है।।
मझधार में नैया है, बड़ी दूर किनारा है, डूबती मेरी नैया का, श्याम तू ही सहारा है, भटके हुए जीवन को, बस तेरा सहारा है, तेरे बिना कोई नहीं, हारे का सहारा है ।।
एक श्याम तू मेरा है, मुझे तेरा सहारा है, तेरे बिना कोई नहीं, हारे का सहारा है।।