Categories
श्याम भजन लिरिक्स

Dhundhta hai kaha shyam ko tu kya use tune paya nahi hai,ढूंढता है कहा श्याम का तू, क्या उसे तूने पाया नहीं है,shyam bhajan

ढूंढता है कहा श्याम का तू, क्या उसे तूने पाया नहीं है,



तर्ज – वृन्दावन के ओ बांके बिहारी

ढूंढता है कहा श्याम का तू, क्या उसे तूने पाया नहीं है, है जगह कौन सी इस जमी पर, श्याम जिसमें समाया नहीं है ।।



कोई कहता यशोदा है मैया, कोई कहता है हलधर का भैया, कौन सा ऐसा नाता है जग में, श्याम ने जो निभाया नहीं है, ढूंढता है कहां श्याम को तूं, क्या उसे तूने पाया नहीं है । ।



कोई कहता है बृज का सांवरिया, कोई कहता है मथुरा नगरिया, कोई बतलाए हमको भला ये, किस जगह उसका साया नहीं है, ढूंढता है कहां श्याम को तूं, क्या उसे तूने पाया नहीं है । ।

पूतना और बकासुर को मारा, कंस को भी कन्हैया ने तारा, पाप है कौन सा पापियों का, जिसको इसने मिटाया नहीं है, ढूंढता है कहां श्याम को तूं, क्या उसे तूने पाया नहीं है ।।



कोई कहता है बंसी बजैया, कोई कहता है रास रचैया, गीत है कौन सा जिंदगी का, श्याम ने जो सुनाया नहीं है, ढूंढता है कहां श्याम को तूं, क्या उसे तूने पाया नहीं है ।।



ढूंढता है कहाँ श्याम को तू, क्या उसे तूने पाया नहीं है, है जगह कौन सी इस जमी पर, श्याम जिसमें समाया नहीं है ।।

Leave a comment