वृन्दावन के बांके बिहारी, हम दर तेरे आये है, मुझे रख लो सेवादार, सांवरे आस लगाए है।
तेरे चरणों की छाया से, दूर न करना मुझको, जन्म जन्म तेरी सेवा करूँ मैं, ऐसा वर दो मुझको, खुशियां मिलती इस दर से, झोली फैलाये है, मुझे रख लो सेवादार, सांवरे आस लगाए है।
हर पल तेरा नाम पुकारूँ, निष दिन तुम्हे ध्याऊँ, तेरी सेवा काम ना दूजा, तेरे भजन में गाऊं, तेरी रेहमत हो जाए, यही आस लगाए है,
धन्य हो गए ठाकुर जी हम, पा के प्यार तुम्हारा, सिर पर हाथ सदा ही रखना, ये उपकार तुम्हारा, ‘शर्मा’ लिखता भजन तुम्हारे, जिंदगी ये गुज़ारे है, मुझे रख लो सेवादार, सांवरे आस लगाए है ।।
वृन्दावन के बांके बिहारी, हम दर तेरे आये है, मुझे रख लो सेवादार, सांवरे आस लगाए है।