तर्ज – हाल क्या है दिलों का
मेहंदीपुर का ये बजरंग बाला बड़ा, इसके दर से ना कोई भी खाली गया, जो आया मुरादें मिली है उसे, इसके दर से ना कोई सवाली गया, मेहन्दीपुर का ये बजरंग बाला बड़ा ।
ये तो दुखियों की झोली को क्षण में भरे, विपदाओं के बादल को दूर करे, घाटा के पर्वतों पे चमत्कार कर, भक्तो के संकटों को निकाले गया, इसके दर से ना कोई भी खाली गया, मेहन्दीपुर का ये बजरंग बाला बड़ा ।
नाया श्रीफल का भोग में श्री बालाजी, तेरी ज्योति जगाने को ओ बालाजी, तेरी पूजा रचाने को बजरंगबली, घृत और सिंदूर की थाली लया, इसके दर से ना कोई भी खाली गया, मेहन्दीपुर का ये बजरंग बाला बड़ा।
मेहंदीपुर तो प्रभु वो ही जा पाएंगे, जो भी सेवा में तेरी भजन गाएंगे, मैं तो पूजा ना जानू ना जप तप तेरा, मेरी बगिया का तू बन माली भया, इसके दर से ना कोई भी खाली गया, मेहन्दीपुर का ये बजरंग बाला बड़ा।
मेहंदीपुर का ये बजरंग बाला बड़ा, इसके दर से ना कोई भी खाली गया, जो आया मुरादें मिली है उसे, इसके दर से ना कोई सवाली गया, मेहन्दीपुर का ये बजरंग बाला बड़ा।
तेरी मूरत सजीली वो पाषाण सी, जिसमे ममता भरी है रे भगवान की, तू तो खुद बना भक्त श्री राम का, रामा रामा रटा देता ताली गया, इसके दर से ना कोई भी खाली गया, मेहन्दीपुर का ये बजरंग बाला बड़ा।
तेरे द्वारे पे भक्तो की भरमार है, बैठा ले के तू प्रेतों का दरबार है, कोई झूमे इधर कोई झूमे उधर, तेरे सोटे का वार ना खाली गया, इसके दर से ना कोई भी खाली गया, मेहन्दीपुर का ये बजरंग बाला बड़।