ले रोग काटिये री, माँ काली हाथ बढाकै।।
तेरी सुरत कितनी प्यारी, माँ लागै सबतै न्यारी, कुछ दया दिखाई ये री, माँ काली हाथ बढाकै।।ले रोग काटिये री, माँ काली हाथ बढाकै।।
मरघट में पूजन आऊ, तेरा पान ओर पेडा लाऊ, मेरे दिल नै डाटिये री, माँ काली हाथ बढाकै।।ले रोग काटिये री, माँ काली हाथ बढाकै।।
तेरी काली चुनरियां प्यारी, माँ आ शमशानो आली, मेरे हाल ने देखिये री, माँ काली हाथ बढाकै।।ले रोग काटिये री, माँ काली हाथ बढाकै।।
यो काला भगत न्यू चाहवै, मुकेश तेरे गुण गावै, बलराज ने डाटिये री, माँ काली हाथ बढाकै।।ले रोग काटिये री, माँ काली हाथ बढाकै।।
ले रोग काटिये री माँ काली हाथ बढाकै।।