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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Avinashi kailashi hai koi Yogi kahe sanyasi hai,अविनाशी कैलाशी है,कोई योगी कहे सन्यासी है,shiv bhajan

अविनाशी कैलाशी है,
कोई योगी कहे सन्यासी है,

अविनाशी कैलाशी है,
कोई योगी कहे सन्यासी है,
सारी दुनिया झुके मठ चरण में भोले,
मन मेरा मगन दिन रात भजन में भोले के…..



काल जिनसे हिम्मत वो महाकाल है,
इनकी लीला गजब कमाल है,
बाबा पर्वत पे ही खुशहाल है…..



ओम विषधारी है दुख हरी है,
देवो के देव त्रिपुरारी,
रोज देवो की झूटी जमात….



मन मेरा मगन दिन रात,
भजन मेरे भोले के,
सारी दुनिया झुके मठ,
चरण में भोले के,
मन मेरा मगन दिन रात,
भजन में भोले के…..



पाप का पड़ला जब जब भारी हुआ,
भोले बाबा ने सृष्टि बच्चा ही लिया,
केई स्वरूपो अवतारित होके,
दुश्मन दानव का शिव ने साफ किया किया……..



ॐ जटा धारी है मंगल करि,
जोगिया मेरे उपकारी है,
होती खुशी की है बरसात,
शरण में भोले के,
मन मेरा मगन दिन रात,
भजन में भोले के…..



सारी दुनिया झुके मठ,
चरण में भोले के,
मन मेरा मगन दिन रात,
भजन में भोले के…..

भक्त गंगा से भर करके जल लाते हैं,
गंगा जल से महादेव को नहलाते हैं…..

सोनू सुधाकर खुशबू तिवारी कह,
जल चढ़ा कर ही मन चाहता फल पाते हैं….

ओम सर्व ज्ञानी है कल्याणी है,
तुमसा ना कोई महादानी है…..

भक्त करते हैं दर्शन,
साक्षात सावन में भोले के,
मन मेरा मगन दिन रात,
भजन में भोले के….

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