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राम भजन लिरिक्स

Mohe raghuwar ki sudh aayi,मोहे रघुवर की सुद्ध आई,ram bhajan

मोहे रघुवर की सुद्ध आई






मोहे रघुवर की सुद्ध आई
प्राण प्यारे रघुवर की मोहे रघुवर की सुद्ध आई,
रघुवर की सुध आई मोरे रामा रघुवर की सुद्ध आई,
मोहे रघुवर की सुद्ध आई…..



आगे आगे राम चलत हैं पीछे लक्ष्मण भाई,
बीच जानकी अधिक सुहावे राजा जनक की जाई,
मोहे रघुवर की सुद्ध आई…..



सावन बरसे भादो गरजे पवन चले पुरवाई,
किसी वृक्ष तले बैठे होंगे सिया लखन रघुराई,
मोहे रघुवर की सुद्ध आई…..



सिया बिना मेरी सूनी रसोई लखन बिना ठकुराई,
राम बिना मेरी सूनी अयोध्या धीरज केहि बिधि आई,
मोहे रघुवर की सुद्ध आई…..



भीतर रोमें मात कौशल्या बाहर भरत जी भाई,
दशरथ जी ने प्राण तजे है केकई मन पछताई,
मोहे रघुवर की सुद्ध आई…..

मोहे रघुवर की सुद्ध आई
प्राण प्यारे रघुवर की मोहे रघुवर की सुद्ध आई,
रघुवर की सुध आई मोरे रामा रघुवर की सुद्ध आई,
मोहे रघुवर की सुद्ध आई…..

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