दर बालाजी के अर्ज़ी लगाले,
आज श्रद्धा से बाबा को मनाले,
दुःख तेरा भाग जायेगा ओ भक्ता….
सच्चा है दरबार मेरे बालाजी,
मिलता है प्यार यहाँ बालाजी का…
संकट तेरे आठ तेरे साथ है तो मार बड़ी खायेगा,
बालाजी के सोते से वो बच नहीं पायेगा,
अपने ही सारे कष्टों को मिटा ले,
आज श्रद्धा से बाबा को मानले,
दुःख तेरा भाग जायेगा ओ भक्ता…….
सच्चा है दरबार मेरे बालाजी,
मिलता है प्यार यहाँ बालाजी का…
दर बालाजी के अर्ज़ी लागले,
आज श्रद्धा से बाबा को मानले,
दुःख तेरा भाग जायेगा ओ भक्ता……
दर बालाजी के अर्ज़ी लगाले,
आज श्रद्धा से बाबा को मनाले,
दुःख तेरा भाग जायेगा ओ भक्ता….