तर्ज – परदेसियों से ना अंखियां मिलाना
खाटू वाले श्याम हमें भूल ना जाना, जल्दी जल्दी खाटू में हमको बुलाना।
जपते रहे हम नाम तुम्हारा, छूटे कभी ना हमसे खाटू द्वारा, होता रहे तेरे दर पे आना जाना, खाटू वाले श्याम हमें भूल ना जाना।
भक्ति की ऐसी लगन लगा दो, संतो की सेवा का भाव जगा दो, हर वर्ष उत्सव तेरा यूँ ही मनाना, खाटू वाले श्याम हमें भूल ना जाना
कथा कीर्तन से होता जीवन पवित्र,
किया ‘विकास’ ने ये जीवन समर्पित, यूँ ही लुटाना अपनी किरपा का खजाना, खाटू वाले श्याम हमें भूल ना जाना।
खाटू वाले श्याम हमें भूल ना जाना, जल्दी जल्दी खाटू में हमको बुलाना।