तू दयालु है दाता मेरे, तेरी छाया में में पल रहा, थाम कर तू मेरे हाथ को, साथ में है मेरे चल रहा।
तू अगर श्याम होता नहीं, कैसे गिरके सम्भल पाता मैं, था सफर मुश्किलों से भरा, हार के बैठ ही जाता मैं, हार के बैठ ही जाता मैं, आया संकट जो सिर पे मेरे, तेरी किरपा से है टल रहा, थाम कर तू मेरे हाथ को, साथ में है मेरे चल रहा।
कुछ मिले या मिले ना मुझे, मैंने दरबार बदला नहीं, तू ही था तू ही है सांवरे, मेरा आधार बदला नहीं, मेरा आधार बदला नहीं, दीप सांसो का मेरा प्रभु, तेरे आँगन में है जल रहा, थाम कर तू मेरे हाथ को, साथ में है मेरे चल रहा ।
जो भी कुछ हो रहा है यहाँ, कोई तो है वजह सांवरे, तेरी मर्जी से चलता जहाँ, है तेरी ही रजा सांवरे, है तेरी ही रजा सांवरे, तेरे सायें में तेरा ‘सचिन’, तेरे सांचे में है ढल रहा,थाम कर तू मेरे हाथ को, साथ में है मेरे चल रहा।
तू दयालु है दाता मेरे, तेरी छाया में में पल रहा, थाम कर तू मेरे हाथ को, साथ में है मेरे चल रहा।