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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Manmohan murat teri prabhu mil jaoge aap kahi na kahi,मन मोहन मूरत तेरी प्रभु,मिल जाओगे आप कहीं ना कहीं,krishna bhajan

मन मोहन मूरत तेरी प्रभु,
मिल जाओगे आप कहीं ना कहीं,


मन मोहन मूरत तेरी प्रभु,
मिल जाओगे आप कहीं ना कहीं,
यदि चाह हमारे दिल में है,
तूम्‍हे ढ़ुंढ ही लेंगे कहीं ना कहीं,
मन मोहन….



काशी मथुरा व़न्‍दावन में,
या अवधपुरी की गलियन में,
गंगा यमुना सरयू तट पर,
मिल जाओगे आप कहीं ना कहीं,
मन मोहन….



घर बार को छोड़ संन्यासी हुए,
सबको परित्‍याग उदासी हुए,
छानेगें बन बन खा‍क तेरी,
मिल जाओगे आप कहीं ना कहीं,
मन मोहन….



सब भक्‍त तुम्‍ही को घेरेंगे,
तेरे नाम की माला फरेंगे,
जब आप ही खूद सरमाओगे,
हमे दर्शन दोगे कहीं ना कहीं,
मन मोहन….

मन मोहन मूरत तेरी प्रभु,
मिल जाओगे आप कहीं ना कहीं,
यदि चाह हमारे दिल में है,
तूम्‍हे ढ़ुंढ ही लेंगे कहीं ना कहीं,
मन मोहन….

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