तर्ज – मैं ना भूलूंगा
बोलो तो सही, बोलों तो सही, क्यों रुश्या हो बाबा, आंख्या खोलो तो सही, बोलों तो सही, बोलों तो सही।।
आसरो थारो है, भरोसो थारो है, जो कुछ भी म्हारो है, वो सबकुछ थारो है, ज्यादा कोनी मांगू देवो, थोड़ो सो सही, क्यों रुश्या हो बाबा, आंख्या खोलो तो सही, बोलों तो सही, बोलों तो सही ।।
या अर्जी म्हारी है, पर मर्जी थारी है, थारे से सांवरिया, पुरानी यारी है, टाबरियां के कानी मुखड़ो, मोड़ो तो सही, क्यों रुश्या हो बाबा, आंख्या खोलो तो सही, बोलों तो सही, बोलों तो सही।।
रूसकर सांवरिया, कठे थे जावोला, यो म्हाने बेरो है, थे रह नहीं पाओला, ‘शुभम रूपम’ को रिश्तो, थासे जोड़ो तो सही, क्यों रुश्या हो बाबा, आंख्या खोलो तो सही, बोलों तो सही, बोलों तो सही ।।
बोलो तो सही, बोलों तो सही, क्यों रुश्या हो बाबा, आंख्या खोलो तो सही, बोलों तो सही, बोलों तो सही।।