तर्ज और इस दिल में
श्याम की किरपा जिसपे हो जाए, काल भी उसका क्या कर पाए।
हाथों में हाथ लेके, सांवरा साथ चलता, चाहे जिसतना बड़ा हो, वो संकट पल में टलता, श्याम के रहते क्यों घबराता, श्याम है तेरे साथ प्यारे, श्याम है तेरे साथ, श्याम सहारा जिसे मिल जाए, काल भी उसका क्या कर पाए।।
चाहे बिजली गिर जाए, मुसीबत कितनी बड़ी हो, श्याम दया का सागर प्यारे, हो जाएगा पार भव से, हो जाएगा पार, श्याम के दिल में जो बस जाए, काल भी उसका क्या कर पाए।।
वादा ये श्याम का है, साथ छोड़ेगा कभी ना, घूम ली सारी दुनिया, श्याम सा कोई कहीं ना, हर हालातों में देता, अपने प्रेमी का साथ, अपने प्रेमी का साथ, ‘आरती शर्मा’ गुण तेरे गाये, काल भी उसका क्या कर पाए।।
श्याम की किरपा जिसपे हो जाए, काल भी उसका क्या कर पाए।।