तर्ज, नखरालो देवरियो
म्हारो त्रिलोकी रो नाथ, परनबा चाल्यो गोरा ने।
डम डम डम डमरू बजावे लियो कमंडल हाथ। गले लटकाए ओ कालो नाग,परनबा चाल्यो गोरा ने।म्हारो त्रिलोकी रो नाथ, परनबा चाल्यो गोरा ने।
भांग धतूरा गांजा पीवे भर भर प्याला भांग। भोला तन पर भस्म रमाए, परनबा चाल्यो गोरा ने।म्हारो त्रिलोकी रो नाथ, परनबा चाल्यो गोरा ने।
अरे नाचे भूत चुड़ैल संग में देखि अजब बरात। जटा जूट में गंग विराजे खूब बने विकराल। सखियां देख देख घबराए, परनबा चाल्यो गोरा ने।म्हारो त्रिलोकी रो नाथ, परनबा चाल्यो गोरा ने।
गांव गांव में धाम है थारो शंकर भोलेनाथ। दास आयो है शरण आपके रख जो इसकी लाज। बाबा शंकर भोलानाथ, परनबा चाल्यो गोरा ने।म्हारो त्रिलोकी रो नाथ, परनबा चाल्यो गोरा ने।