तर्ज- मुकुट सिरमौर का
यही बस आस है, जनम की प्यास है, सांवरे यार का, दरश मोहे मिल जाए, रंगीले यार का, दरश मोहे मिल जाए।
आया मैं द्वार तेरे, ज़माने को खो कर, बीते है सावन नैना, आंसुओं से धो कर, यही अभिलाष है, ये जब तक साँस है, सांवरे यार का, दरश मोहे मिल जाए, रंगीले यार का, दरश मोहे मिल जाए।
यही बस आस है, जनम की प्यास है, सांवरे यार का, दरश मोहे मिल जाए, रंगीले यार का, दरश मोहे मिल जाए।
छोड़े जमाना मुझे,मोड़े जमाना मुख,
तुम नहीं मोड़ना, मेरा विश्वास है,
तुम नहीं छोड़ना, ये जब तक साँस है, सांवरे यार का, दरश मोहे मिल जाए, रंगीले यार का, दरश मोहे मिल जाए।
यही बस आस है, जनम की प्यास है, सांवरे यार का, दरश मोहे मिल जाए, रंगीले यार का, दरश मोहे मिल जाए।
सांवरी सूरत पे मैं, वारि गिरधारी,पलके बिछाए टेरू, बाट तिहारी,तू दिल के पास है, ‘बावरा’ दास है,सांवरे यार का, दरश मोहे मिल जाए, रंगीले यार का, दरश मोहे मिल जाए।
यही बस आस है, जनम की प्यास है, सांवरे यार का, दरश मोहे मिल जाए, रंगीले यार का, दरश मोहे मिल जाए।