मुरलिया वाले से,नन्द के लाला से, उन्हीं पे जीवन निसार हो गया है, प्यार हो गया जी हमें, प्यार हो गया है ।।
मेरी आंखे मेरे दिलबर, तुझे ही ढूंढती है, मिला है सारा जहां, पर तुझे ही ढूंढती है, सभा मे द्रौपदी की, कन्हैया साँवरे सरकार, तुझे ढूंढती है, अब तो मिल जाओ ना, साँवरे आओ ना, पहाड़ हो गया है,लाज बचाने वाले,विरह का एक क्षण,
प्यार हो गया जी हमे, प्यार हो गया है ।।
तुम्हारे चरणों में आके, जमाना भूल गए, तुम से आंखे मिली तो, सब बहाना भूल गए, तेरी चाहत की ये दीवानगी,
भी क्या कम है, खुद को भूले ही थे, अपना ठिकाना भूल गए, छटा दिखलाओ ना, साँवरे आओ ना, प्यार हो गया जी हमे, प्यार हो गया है ।।
मेरा मन श्याम का, सिंगार हो गया है,
मुरलिया वाले से, नन्द के लाला से, उन्हीं पे जीवन निसार हो गया है, प्यार हो गया जी हमें, प्यार हो गया है ।।