तर्ज बड़ी देर भयी नंदलाला
थे हो राम नाम मस्ताना, मैं हूँ थारा घणा दीवाना, ओ बालाजी थारा चरणा, में है म्हारा ठिकाना जी, थे हों राम नाम मस्ताना, मैं हूँ थारा घणा दीवाना।
ना मांगू मैं चांदी सोना, ना मांगू बंगला थारा, देना है तो ओ बालाजी,
दे दे रे दर्शन थारा, थारा दर्शन पाया सुही, सुधरे म्हारा जमाना जी, थे हों राम नाम मस्ताना, मैं हूँ थारा घणा दीवाना ।
ओ सालासर वाला तू तो, मोहन जी ने दरश दियो, मैं क्यों थारा दर्शन ताई, ओ बालाजी तरस गयो, म्हारी भक्ति सु ओ बाबा, क्यों रह गया अनजाना जी, थे हों राम नाम मस्ताना, मैं हूँ थारा घणा दीवाना।
राम नाम की भजे तू माला, मैं थारा गुणगान करूँ, ओ बालाजी आठ पहर बस, मैं थारो ही ध्यान धरूँ, ले ल्यो आज परीक्षा बाबा, म्हारी प्रीत पिछाणो जी, थे हों राम नाम मस्ताना, मैं हूँ थारा घणा दीवाना।
क्यों हो रया हो जी थे बेखबर, म्हासु दयालु बालाजी, थे जो आओ सामे तो मैं, छाती चिर दिखाद्या जी, कहे ‘बागड़ा’ ओ बालाजी, थासु के है छाना जी, थे हों राम नाम मस्ताना, मैं हूँ थारा घणा दीवाना।
थे हो राम नाम मस्ताना, मैं हूँ थारा घणा दीवाना, ओ बालाजी थारा चरणा, में है म्हारा ठिकाना जी, थे हों राम नाम मस्ताना, मैं हूँ थारा घणा दीवाना ।