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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Sir pe safa kandhe pe jholi adbhut rup banaya hai,सिर पे साफा कन्धे पे झोली अद्बुत रूप बनाया है,krishna bhajan

सिर पे साफा कन्धे पे झोली अद्बुत रूप बनाया है,

सिर पे साफा कन्धे पे झोली अद्बुत रूप बनाया है,
ओ रे जग के रचैया खेल खिवैया तेरा खेल समज न आया है,



अपना घर न कभी ना बनया लाखो को घर बार दिए,
नीम के निचे आ कर बाबा शिर्डी का उधार किये,
साचा दवार कमाई झोली तुमने उठाई तूने धुनी अखंड जलाया है,
ओ रे जग के रचैया खेल खिवैया तेरा खेल समज न आया है,



सिर पे साफा कन्धे पे झोली अद्बुत रूप बनाया है,
ओ रे जग के रचैया खेल खिवैया तेरा खेल समज न आया है,



कोई तुझको हिन्दू कहता कोई मुस्लिम कहता है,
सबका मालिक एक तू ही सबके दिल में रहता है,
बाबा तेरी समादी हरती है सब वयादी मन हर ने तेरा गुण गया है,
ओ रे जग के रचैया खेल खिवैया तेरा खेल समज न आया है,

सिर पे साफा कन्धे पे झोली अद्बुत रूप बनाया है,
ओ रे जग के रचैया खेल खिवैया तेरा खेल समज न आया है,

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