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श्याम भजन लिरिक्स

Ro rokar shyam tumhe aawaj lagata hu,रो रो कर श्याम तुम्हे, आवाज़ लगाता हूँ,shyam bhajan

रो रो कर श्याम तुम्हे, आवाज़ लगाता हूँ,

तर्ज – बचपन की मोहब्बत को

रो रो कर श्याम तुम्हे, आवाज़ लगाता हूँ, क्यों सुनते नहीं मोहन, मैं तुमको बुलाता हूँ ।।



अपने इस सेवक पर, इतना ना जुलम करो, कमज़ोर बड़ा हूँ मैं, थोड़ा तो रहम करो, कैसे अब क्या मैं करूँ, कुछ समझ ना पाता क्यों सुनते नहीं मोहन, मैं तुमको बुलाता हूँ।।

रो रो कर श्याम तुम्हे, आवाज़ लगाता हूँ, क्यों सुनते नहीं मोहन, मैं तुमको बुलाता हूँ ।।

करके कोशिश लाखों, आखिर मैं हार गया, दुनिया पूछे मुझसे, कहाँ तेरा यार गया, आने वाला है तू, दिल को समझाता क्यों सुनते नहीं मोहन, मैं तुमको बुलाता हूँ।।

रो रो कर श्याम तुम्हे, आवाज़ लगाता हूँ, क्यों सुनते नहीं मोहन, मैं तुमको बुलाता हूँ ।।



उल्फत में छोड़ दिया, तुमने क्यों साथ मेरा, क्या तरस नहीं आया, यूँ देख के हाल मेरा, ‘माधव’ तेरे चरणों में, दुःख अपने सुनाता हूँ, क्यों सुनते नहीं मोहन, मैं तुमको बुलाता हूँ ।।

रो रो कर श्याम तुम्हे, आवाज़ लगाता हूँ, क्यों सुनते नहीं मोहन, मैं तुमको बुलाता हूँ ।।

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