इन अंखियो का संवरा नजारा
नजरे यो श्याम से मिली
ये याहा सारा लगता हमारा
नजरे यो श्याम से मिली।
जग की ठोकर दर दर खाई
भटक भटक कर शरण में आई
अब चाहिए न जग का सहारा
नजरे यो श्याम से मिली।
अधियारे में कर दिया उजाला
शीश का दानी खाटू वाला
मेरी किस्मत का चमका सितारा
नजरे यो श्याम से मिली।
मन दीवले की श्याम ही बाती
श्याम ही गोलू सचा साथी
बिन श्याम के न कुछ भी गवारा
नजरे यो श्याम से मिली।
इन अंखियो का संवरा नजारा
नजरे यो श्याम से मिली
ये याहा सारा लगता हमारा
नजरे यो श्याम से मिली।