तर्ज- दिल विल प्यार व्यार में क्या जानूं
श्याम नाम आठों याम, मुझको भाता है, मस्ती में रहता हूँ मेरा, श्याम से नाता है, श्याम नाम आठो याम, मुझको भाता है।
श्याम नाम रस का, जबसे लगा है चस्का, मैं हो गया दीवाना, मेरे दिल पे राज उसका, उससे मिलने उसके दर पे, मैं जाता बारम्बार रे, जाता हूँ मैं जब भी, वो मुस्काता है, मस्ती में रहता हूँ मेरा, श्याम से नाता है, श्याम नाम आठो याम, मुझको भाता है।
होती है जो जरुरत, मुझको वो दे रहा है, अपने चरण की सेवा, मुझसे वो ले रहा है, मैं क्यों जाऊं दूजे द्वारे, मेरा श्याम बड़ा दातार है, बिन मांगे ही मुझको, तो मिल जाता है, मस्ती में रहता हूँ मेरा, श्याम से नाता है, श्याम नाम आठो याम, मुझको भाता है।
उसकी कृपा को हरपल, महसूस कर रहा हूँ, उसकी दया की दौलत, ह्रदय में भर रहा हूँ, मैं ये जानू उसके कारण, मेरी दुनिया में पहचान है, हाथों से जीवन को, श्याम सजाता है, मस्ती में रहता हँ मेरा,” उसकी दया की दौलत, हृदय में भर रहा हूँ, मैं ये जानू उसके कारण, मेरी दुनिया में पहचान है, हाथों से जीवन को, श्याम सजाता है, मस्ती में रहता हूँ मेरा, श्याम से नाता है, श्याम नाम आठो याम, मुझको भाता है Ibdi
किसी कर्मकांड की तो, आती ना मुझको रस्मे, कोई पूजा पाठ करना, ‘बिन्नू’ के ना है बस में, तेरा वंदन और अभिनन्दन, ये मेरे दिल के भाव है, भाव में कहता हूँ, कुछ नहीं आता है, मस्ती में रहता हूँ मेरा, श्याम से नाता है, श्याम नाम आठो याम, मुझको भाता है।
श्याम नाम आठों याम, मुझको भाता है, मस्ती में रहता हूँ मेरा, श्याम से नाता है, श्याम नाम आठो याम, मुझको भाता है।