तर्ज- क्या मिलिए ऐसे लोगो से
रहे जो श्याम भरोसे उसकी, शान बड़ी कर देता है, जिसने अकड़ दिखाई उसकी, खाट खड़ी कर देता है ।
निर्बल को दुःख देते है जो, निर्धन का अपमान करे, गोरख धंधे करते करते, खुद को ही धनवान कहे, ऐसे लोगो के जीवन में, दुःख की झड़ी कर देता है, जिसने अकड़ दिखाई उसकी, खाट खड़ी कर देता है।
बाबा पे विश्वास है जिसको, उसकी चांदी चांदी है, जिसकी नैया श्याम भरोसे, नैया पार लगा दी है, झुके हुए सिर के ऊपर ये, मोरछड़ी कर देता है, जिसने अकड़ दिखाई उसकी, खाट खड़ी कर देता है ।
जहाँ भरोसा और आस्था, वहम का कोई काम नहीं, ‘चोखानी’ प्रेमी की बात से, पीछे हटता श्याम नहीं, जीवन की हर डगर सांवरा, हरी भरी कर देता है, जिसने अकड़ दिखाई उसकी, खाट खड़ी कर देता है।
रहे जो श्याम भरोसे उसकी, शान बड़ी कर देता है, जिसने अकड़ दिखाई उसकी, खाट खड़ी कर देता है ।