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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Param hai parmeshwar jinke tino rup,परम हैं परमेश्वर,जिनके तीनों रूप,shiv bhajan

परम हैं परमेश्वर,
जिनके तीनों रूप,

परम हैं परमेश्वर,
जिनके तीनों रूप,
सत्य शिवम सुंदरम,
विष्णु ब्रह्म स्वरूप,
त्रिलोकी के नाथ हैं।



बैकुंठ है जिनका धाम,
मां लक्ष्मी संग करते,
शेष सैया पर विश्राम,
पालक हैं संचालक हैं,
सृष्टि के अभिभावक हैं,
परम पद पर आसीन,
परम पूजनीय पावक हैं,
शंख सुदर्शन कौमोदकी,
पद्म सारंग परशु धार,
युगों युगों से लेते हैं,
हर युग में धरती पर अवतार,
राजीव लोचन परम सुलोचन,
अति मनोरम जिनका रूप,
त्रिलोकी के नाथ हैं।



विष्णु परम स्वरूप,
वासुदेव नारायण श्री हरि,
जगदीश जनार्दन जगन्नाथ,
सत्यनारायण दामोदर श्रीकांत,
हैं परम पूजनीय नाम,
भागवत में महामात्य है,
पुराणों में उल्लेख,
कर्मों का फल देते हैं,
जैसे जिसके लेख,
भक्त वत्सल विट्ठल हैं,
तुलसी के शालिग्राम,
त्रेता में राम हुए,
हुए द्वापर में श्री श्याम,
छवि मनोहरी सुंदर अति अनूप,
त्रिलोकी के नाथ हैं।



विष्णु परम स्वरूप,
श्रद्धा से जो करें भक्ति,
यथा शक्ति लेते नाम,
परम सुख वो पाते हैं,
चरणों में पाते हैं परमधाम।

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