तर्ज- म्हाने इबकी तो बचा ले
म्हाने खाटू में बुलावे म्हारो सेठ, म्हे आवा करने नौकरी, म्हे आवा करने नौकरी।
खाटू माहि पग धरता ही, मन म्हारो हर्षावे, सेठ जी ने देखता ही, सर म्हारो झुक जावे, म्हारी हाजरी लिखे है म्हारो सेठ, म्हे आवा करने नौकरी, म्हे आवा करने नौकरी।
सेठ जी की नौकरी में, मन म्हारो लग जावे, म्हारे सागे सेठ जी भी, मूलक मूलक बतलावे, म्हारा सेठ जी भी राखे म्हासे हेत, म्हे आवा करने नौकरी,म्हे आवा करने नौकरी।
नौकरी में इक दिन म्हारी, छुट्टी गर हो जावे, छुट्टी की पगार म्हारा, सेठ जी पहुंचावे, आकि किरपा से भरा मैं म्हारो पेट, म्हे आवा करने नौकरी, म्हे आवा करने नौकरी।
म्हारे सेठ की नौकरी में, घणा ही नौकर आवे, म्हारा सेठ जी निज हाथां से, सब को हिसाब चुकावे, ‘अभिषेक’ बोले थे सेठा रा सेठ, म्हे आवा करने नौकरी, म्हे आवा करने नौकरी।
म्हाने खाटू में बुलावे म्हारो सेठ, म्हे आवा करने नौकरी, म्हे आवा करने नौकरी।