हम द्वार, मईया के जाएँगे, दाती का, दर्शन पाएँगे।
दाती अम्बे का दर्शन पाएँगे, जयकारे ख़ूब लगाएँगे,
दाती का दर्शन, जय माता दी,
दाती का दर्शन पाएँगे,
हम द्वार, मईया के जाएँगे,
झण्डे पकड़े, हाथों में,माथे पे लाल चुनरिया रे भक्तो,
ऊँचा पर्बत, लम्बा रास्ता,टेढ़ी बहुत डगरिया रे संतो,
हम ज़रा नहीं घबराएँगे, जयकारे ख़ूब बुलाएँगे,
और दौड़े दौड़े आएँगे, दाती का दर्शन, जय माता दी,
दाती का दर्शन पाएँगे,,,
हम द्वार, मईया के जाएँगे,
दूर दूर से, आए हैं, माँ भक्तों के टोले, रे भक्तो,
नाचे गाएँ, चढ़ते जाएँ,जय माँ जय माँ बोले रे संतो,
हम मस्ती में खो जाएँगे, ध्यान मईया का लगाएँगे,
हम माँ से मुरादें पाएँगे, दाती का दर्शन, जय माता दी,
दाती का दर्शन पाएँगे,,,
हम द्वार, मईया के जाएँगे,
कँकर पत्थर, और काँटों से, पड़ेगा अपना पाला रे भक्तो,
आगे आगे, बढ़ता जाएगा,कर्मा रोपड़ वाल रे संतो,
हम ‘साथ सिकंदर गाएँगे
और दर पे ज्योत जगाएँगे, दाती का दर्शन,,, जय माता दी,
दाती का दर्शन पाएँगे,,,
हम द्वार, मईया के जाएँगे,
हम द्वार, मईया के जाएँगे, दाती का, दर्शन पाएँगे।
दाती अम्बे का दर्शन पाएँगे, जयकारे ख़ूब लगाएँगे,
दाती का दर्शन, जय माता दी,
दाती का दर्शन पाएँगे,
हम द्वार, मईया के जाएँगे,