देना हो तो दीजिये, बस इतना वरदान, शिवलिंग हो मेरे घर में तेरा करता रहूँ गुणगान।
तूं भी फक्कड़ मैं भी फक्कड़, खूब जमेगी भोलेनाथ।
मैं पकडूगा पाँव तुम्हारे तूं पकड़ेगा मेरा हाथ मैं तो ध्यान धरूंगा तेरा, तू रखना मेरा ध्यान ।शिवलिंग हो मेरे घर में तेरा करता रहूँ गुणगान।
घिस घिस चन्दन इन हाथों से हरदम तिलक लगाऊंगा, रोज सवेरे इन हाथों से, भंगीया घोट पिलाऊँगा, एक लोटा गंगाजल से करवाऊँगा स्नान ।शिवलिंग हो मेरे घर में तेरा करता रहूँ गुणगान।
तुमको पाकर ये समझूगा, सबसे बड़ा धनवान हूँ मैं, इस दुनिया में बनकर आया, दो दिन का मेहमान हूं मैं, मेरा धन्य हुआ है जीवन, मेरी तुमसे हुई पहचान।शिवलिंग हो मेरे घर में तेरा करता रहूँ गुणगान।
हर हर बम-बम बोल बोल के हरदम तुझे रिझाऊँगा, ‘बनवारी’ ये सारा जीवन सेवा में ही बिताऊँगा, ऐ भोले बिना भक्ति के मेरा कर देना कल्याण ।शिवलिंग हो मेरे घर में तेरा करता रहूँ गुणगान।
देना हो तो दीजिये, बस इतना वरदान, शिवलिंग हो मेरे घर में तेरा करता रहूँ गुणगान।