(तर्ज: गोरा-गोरा गाल थारां घुंघटिये)
चंदो जैसो मुखड़ो थाँरो परदे माहीं राखिजो, नजर थारे लग जावेली कीर्तन में ॥ भगतां कानी देख के थोड़ो होले होले मुलकिजो, गैल कोई पड़ जावेलो कीर्तन में ॥
मोटी मोटी आँख्या माहीं काजलियो मत घालो, तिरछो तिरछो देख के म्हारी काया मत ना बालो, ओ थारां तीखा तीखा नैण, उड़ ग्यो म्हारे मन को चैन, थे मत ना नैण मटकाओजी कीर्तन में ॥
पचरंगी पैंचा में बाबा बनड़ो सो तु लागै, सजधज करके बैठ्यो बाबा भगतां क तु सागै, थांरो बागो घेर-घुमेर, बिजली म्हापे मत ना गेर, बाबा भगत थांरा मर जावेला कीर्तन में ॥
देखके लाली गाला की थांरी सुरज भी शरमावे, चंदो भी लाजा मरतो बड़ बादलिया मं जावे, थारें इत्तर की भरमार, महके सारो यो दरबार, “केशव” आज गजब हो जावेलो कीर्तन में ॥
चंदो जैसो मुखड़ो थाँरो परदे माहीं राखिजो, नजर थारे लग जावेली कीर्तन में ॥ भगतां कानी देख के थोड़ो होले होले मुलकिजो, गैल कोई पड़ जावेलो कीर्तन में ॥