तर्ज :- ये बन्धन तो प्यार का…
मन के मंदिर वो छाये,खुशियों का दीप जलाये दुःख के बादल जब आये, पलभर में दूर भगाये ऐसा तो सांवरा प्यारा है, हारे का सहारा है।।
आया फागुन देखों मेला लगता भारी दर्शन करने आते लाखों ही नर नारी मेले में निशान चढ़ाये, मन माँगी मुरादें पाये ।॥ ऐसा तो सांवरा प्यारा है, हारे का सहारा है।।
हार के दर जो आये उनको मिले सहारा उलझी जीवन नैया को देता यही किनारा जीने का बने सहारा, खाटू का श्याम हमारा ।। ऐसा तो सांवरा प्यारा है, हारे का सहारा है।।
“नारायण” अपने मन की बाबा बात बताऊँ आखरी पल जीवन के खाटू नगरी बिताऊँ साँसों का अंतिम घेरा, मेरे सर पे हाथ हो तेरा ।।
ऐसा तो सांवरा प्यारा है, हारे का सहारा है।।
मन के मंदिर वो छाये,खुशियों का दीप जलाये दुःख के बादल जब आये, पलभर में दूर भगाये ऐसा तो सांवरा प्यारा है, हारे का सहारा है।।