वीर बजरंग मेरे आया द्वारे तेरे तुम निभाना। मेरी बिगड़ी हुई को बनाना।
तर्ज, कभी राम बनके कभी श्याम
सिर पर पापों की गठरी धरी है। मेरी बारी क्यों देरी करी है। काटो विपदा मेरी मुझको आशा तेरी, तुम निभाना। मेरी बिगड़ी हुई को बनाना।
वीर बजरंग मेरे आया द्वारे तेरे तुम निभाना। मेरी बिगड़ी हुई को बनाना।
तुमने लाखों ही पापी को तारे, दीन दुखियों के संकट उभारे। विपदा सबकी हरो पार भव से करो ना भुलाना। मेरी बिगड़ी हुई को बनाना।
वीर बजरंग मेरे आया द्वारे तेरे तुम निभाना। मेरी बिगड़ी हुई को बनाना।
है भंवर में फंसी मेरी नैया नाथ तुम बिन ना कोई खिवैया।सुन लो बिनती मेरी खेदो नैया मेरी पत निभाना। मेरी बिगड़ी हुई को बनाना।
वीर बजरंग मेरे आया द्वारे तेरे तुम निभाना। मेरी बिगड़ी हुई को बनाना।
तेरे दर का लिया है सहारा।बाबा तुम बिन कोई ना हमारा।तुम जो भूलो मुझे जाऊंगा में कहां ना ठिकाना।मेरी बिगड़ी हुई को बनाना।
वीर बजरंग मेरे आया द्वारे तेरे तुम निभाना। मेरी बिगड़ी हुई को बनाना।