झूम झूम के आयी झूम झूम के, सिंघ बैठी आई मोरी मैया ।।
सांचे मन से माँ को पुकारो, दौड़ी दौड़ी आयें मोरी मैया, झूम झूम के आईं झूम झूम के, झूम झूम के आईं झूम झूम के।।
न फूल पाती न भोजन थाली, भाव की भूखी हैं मोरी मैया, झूम झूम के आईं झूम झूम के, झूम झूम के आईं झूम झूम के।
न चौंकी कोई न रेशम की आसन, हिरदय में वो तो विराजे मोरी मैया, झूम झूम के आईं झूम झूम के, झूम झूम के आईं झूम झूम के।।
‘राजेन्द्र’ दर्शन की आशा लगी है, सो सिंघ पे बैठी आयें मोरी मैया, झूम झूम के आईं झूम झूम के, झूम झूम के आईं झूम झूम के।।
झूम झूम के आयी झूम झूम के, सिंघ बैठी आई मोरी मैया ।।झूम झूम के आयी झूम झूम के, सिंघ बैठी आई मोरी मैया ।।