तर्ज, आज मंगलवार है बालाजी का वार है
हम खाटू में जाएंगे श्याम प्रभु को मनाएंगे। अपना शीश झुकाएंगे। बाबा श्याम को चूरमा बाटी का भोग लगायेंगे।
शीश के दानी श्याम प्रभु की महिमा अपरंपार है, महिमा अपरंपार है। निर्धन निर्बल जो भी आया भरता यह भंडार है, भरता यह भंडार है। ले निशान हम जाएंगे बाबा को चढ़ाएंगे। भक्ति भाव जताएंगे।बाबा श्याम को चूरमा बाटी का भोग लगायेंगे।
हम खाटू में जाएंगे श्याम प्रभु को मनाएंगे। अपना शीश झुकाएंगे। बाबा श्याम को चूरमा बाटी का भोग लगायेंगे।
घटोत्कच के पुत्र आप हैं सत्य आपकी वाणी है, सत्य आपकी वाणी है। शीश के दानी आपके जैसा दूसरा ना कोई दानी है, दूसरा ना कोई रानी है। हम सब कीर्तन गाएंगे अपनी हाजिरी लाएंगे। छोड़ कही ना जाएंगे।बाबा श्याम को चूरमा बाटी का भोग लगायेंगे।
हम खाटू में जाएंगे श्याम प्रभु को मनाएंगे। अपना शीश झुकाएंगे। बाबा श्याम को चूरमा बाटी का भोग लगायेंगे।
शीश के दानी खाटू श्याम की यह दुनिया दीवानी है, यह दुनिया दीवानी है। हारे के सहारे बाबा महिमा जिनकी बखानी है। महिमा जिनकी बखानी है। घर परिवार को लाएंगे श्याम की ज्योत जगाएंगे। हाथ जोड़कर आएंगे। बाबा श्याम को चूरमा बाटी का भोग लगायेंगे।
हम खाटू में जाएंगे श्याम प्रभु को मनाएंगे। अपना शीश झुकाएंगे। बाबा श्याम को चूरमा बाटी का भोग लगायेंगे।