जय जय माँ, जय जय माँ,
जय माँ, जय माँ, जय माँ, जय माँ।
शेराँवाली माँ, खज़ाने बैठी खोल के
ज्योतां वाली माँ, खज़ाने बैठी खोल के।
शेराँवाली माँ, खज़ाने बैठी खोल के
दुःख सबके हरती,,, जय हो
भंडार है भरती,,, जय हो
तकदीर बदलती, जरा देर ना लगती,,, जय हो
ज्योतां वाली माँ, खज़ाने बैठी खोल के
शेराँवाली माँ, खज़ाने बैठी खोल के।
यहां हरपल दाती बांटती, खुशियों के मोती,
यहां सुख के सारे, रत्नों की है बारिश होती ।
जो चाहिए ले लो,,, जय हो
आवाजे दे लो,,, जय हो
ये माँ का दर है, तुम्हें किसका डर है,,, जय हो
ज्योतां वाली माँ, खज़ाने बैठी खोल के
शेराँवाली माँ, खज़ाने बैठी खोल के।
माँ रोज यहां कंगालो को, धनवान बनाती,
वो झोपड़ी को बंगला, आलिशान बनाती।
हर आशा तेरी,,, जय हो
कर देगी पूरी,,, जय हो
विश्वास रखो, फिर जादू देखो,,, जय हो
ज्योतां वाली माँ, खज़ाने बैठी खोल के
शेराँवाली माँ, खज़ाने बैठी खोल के ।
वो मिट्टी को भी छु ले तो, सोना बन जाता,
अरे उसी से भिक्षा लेता, जग का भाग्य विधाता।
वो जग की दाती,,, जय हो
जो सबको देती,,, जय हो
तुमको भी देगी, हमको भी देगी,,, जय हो
ज्योतां वाली माँ, खज़ाने बैठी खोल के
शेराँवाली माँ, खज़ाने बैठी खोल के।
शेराँवाली माँ, खज़ाने बैठी खोल के
ज्योतां वाली माँ, खज़ाने बैठी खोल के।
शेराँवाली माँ, खज़ाने बैठी खोल के
दुःख सबके हरती,,, जय हो
भंडार है भरती,,, जय हो
तकदीर बदलती, जरा देर ना लगती,,, जय हो
ज्योतां वाली माँ, खज़ाने बैठी खोल के
शेराँवाली माँ, खज़ाने बैठी खोल के।